भूपेश बघेल की बदौलत बज रहा है
छत्तीसगढ़ी अभिमान व
स्वाभिमान का डंका
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ग्रामीण व्यवस्था से सुदृढ़ अर्थव्यवस्था
के निर्माण की हो रही है
चारों तरफ तारीफ
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महात्मा गांधी का मानना था की
विकास की धारा जब समाज के
सबसे कमजोर व निचले वर्ग के
उत्थान से प्रवाहित होगी तभी
वह कल्याणकारी समृद्धकारी व
स्थाई रूप से सफल होगी।
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आज भूपेश बघेल इन्हीं आदर्शों को
मापदंड मानकर जनकल्याण को
निकल पड़े हैं। उनकी हर नीति व
गतिविधि में गांव गरीब किसान
महिला स्पष्ट रूप से नजर आते हैं।
सुदृढ़, शिक्षित समाज का सपना भी।
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संवेदनशील इंसान एक शासक में
होना सबसे ज्यादा अनिवार्य है और
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भूपेश बघेल है।
कुछ वर्षों पूर्व की बात है उनके घर
एक व्यक्ति आया उसने अपने क्षेत्र की
समस्या बताई। समस्या सुनकर बघेल ने
कहा कि “एक आवेदन लिखकर दे दो
आपका काम हो जाएगा” इस पर
ग्रामीण ने बहुत ही प्यार से छत्तीसगढ़ी में
कहा की “दाऊजी मेरे को लिखना
नहीं आता आवेदन आप ही लिख दो।”
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बघेल ने उससे मजाक में कहा कि
“इतने बड़े हो गए हो लिखना पढ़ना
क्यों नहीं सीखें” उसने बड़े ही
भोलेपन से कहा कि
“हम तो नहीं पढ़ पाए, लेकिन दाऊजी
अच्छा स्कूल खुलवा दो क्षेत्र के
सारे बच्चों को स्कूल भेजने की
जवाबदारी हमारी रहेगी”
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आज पूरे प्रदेश में आदर्श स्कूलों को
विकसित होता देखकर गरीबों के
चेहरे पर जो खुशी संतोष और
उज्जवल भविष्य की उमंग
दिखाई देती है तो उस वक्त
भूपेश बघेल का सुकून भरा मुस्कुराता
हुआ चेहरा भी नजर आता है।
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विकास विनाश लाता है, आधुनिकीकरण
व समृद्धि परंपराओं व संस्कृति को
नष्ट करती है जैसी अनेक बातों को अगर
किसी ने गलत साबित करके दिखाया है
तो वह निश्चित रूप से भूपेश बघेल है
जिन्होंने अपनी सरकार की नीतियों व
कार्यक्रमों में बहुत गहराई से इस बात का
ख्याल रखा की विसंगतियों का किसी भी
प्रकार का प्रभाव छत्तीसगढ़ वासियों पर
ना पड़े तथा प्रदेश चाहू ओर
विकास की ओर बढ़ता रहे।
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एक ही समय में हर वर्ग, हर समुदाय,
हर क्षेत्र सर्वांगीण उत्थान के लिए
अगर किसी आदर्श व्यक्ति को देखा है
तो वह भूपेश बघेल नजर आए हैं।
किसानों के लिए न्याय योजना,
गौधन न्याय योजना, महतारी दुलार
योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम
स्कूल, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना,
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन
कृषि मजदूर न्याय योजना,
पढ़ाई तुंहर द्वार योजना,
राम वन गमन पथ मार्ग,
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी
परिवर्तन लाने के लिए बनाई गई
अनेक योजनाएं जिस तरह
छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढ़ वासियों का
कायाकल्प कर रही है वह वास्तव में
भूपेश बघेल की सोच व विकासात्मक
कार्य पद्धति का ही प्रमाण है।
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मुझे अच्छी तरह से याद है चुनावों के
दौरान एक पत्रकार साथी ने उनसे पूछा
कि “आप सत्ता में क्यों आना चाहते हैं ?”
इस पर भूपेश बघेल का त्वरित उत्तर था
कि “छत्तीसगढ़ के अभिमान और
स्वाभिमान का डंका पूरे देश और
दुनिया में बजवाने के लिए।” और
आज उन्होने यह सच कर दिखाया है।
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आज पूरे देश और दुनिया के लोग
छत्तीसगढ़ की ओर देख रहे हैं और
अध्ययन कर रहे हैं कि आखिर
कौन से कारण है जिसके फलस्वरूप
छत्तीसगढ़ वासियों का जीवन स्तर
ऊपर उठा है, धर्म व संस्कृति की डोर
मजबूत हुई है, गांव से शहरों की ओर
पलायन रुका है, लोगों में शिक्षा व
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है,
एक दूसरे के प्रति सहयोग की डोर
मजबूत हुई है, महिलाओं के जीवन में
क्रांतिकारी बदलाव आया है,
किसानों को खेती अब मजबूरी नहीं
मजबूती का पर्याय लगने लगी है।
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इन सब का उन्हें एक ही
उत्तर प्राप्त होता है भूपेश बघेल की
क्रांतिकारी व आक्रमक नीतियां तथा
योजनाओं का निर्माण एवं
उनका कुशल क्रियान्वयन।
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आज भूपेश बघेल के जन्मदिन के
अवसर पर देश व दुनिया के लोग
एक ओर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं
तो दूसरी ओर उनकी विराट सोच,
दृढ़-संकल्प शक्ति, संवेदनशील ह्रदय व
कुशल संगठक व प्रशासक भूमिका की
भूरी भूरी तारीफ भी कर रहे हैं
जिसकी बदौलत छत्तीसगढ़ चमन के
रास्ते पर चल पड़ा है।

उक्त संस्मरण व विचार छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया प्रभारी राजेश बिस्सा ने विज्ञप्ति के माध्यम से बतायी
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